देवो के देव महादेव व उनके गले में लिपटे हुए नाग का मंदिर जिसका नाम है नागनाथ का मंदिर Nagnath Mandir Champwat Uttrakhand

Vijay Sagar Singh Negi
By -

नागनाथ का मंदिर (Nagnath Mandir Champwat )

नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे ऐसे मंदिर के बारे में जिसके बगल में स्थित है,हमारी राष्ट्रीय धरोहर का एक किला तो चलिए जानते है ऐसे मंदिर के बारे मेंl
हम बात कर रहे है,उत्तराखंड कुमाऊं  मंडल  के चम्पावत में स्थित 2 मंजिला मंदिर की जोकि पूरी तरह से लकड़ियों से बना हुआ है| इस मंदिर का नाम है,नागनाथ मंदिर अब आपको बात दें ये जो मंदिर है वहां भगवान शकर जिन्हें प्यार से लोग भोले बाबा कहते है|
जैसा कि इस मंदिर के नाम से ही पता चलता है, नाग+नाथ नाग यानी सांप और नाथ भगवान भोले नाथ के नाम पर पड़ा है अब आपको पता ही होगा  कि भगवान शंकर ने जब समुद्र मंथन से निकले विष को पिया था|
 तो वह विष गले से नीचे न जाये इसके लिए नाग भोलेनाथ के गले के आभूषण बन गए इसलिए यहाँ मंदिर उनके नाग व उनके लिए समर्पित है, इस मंदिर में एक बरगद का बड़ा सा पेड़ भी है जो कि यहां आए भक्तों को शीतल शीतल हवा प्रदान करता है|

नागनाथ मंदिर की स्थापना

यह मंदिर पहाड़ियों के लोकप्रिया व प्रसिद्ध गुरु गोरखनाथ ने बनाया था l उन्हें महादेव के प्रति बहुत आस्था थी इसीलिए उन्होंने इस मंदिर का निर्माण  करवाया|

18 वीं सदी के आसपास जब उत्तराखंड में गोरखाओ ने आक्रमण करके अपना अधिकार किया तो उन्होंने इस मंदिर को  क्षतिग्रस्त कर दिया था आक्रमण किया तो उन्होंने इस मंदिर को थोड़ा सा छतिग्रस्त कर दिया था
वक्त के साथ इसका क्षतिग्रस्त हिस्सों को सही कर दिया गया और यह आज अच्छी हालत में हैl

किन्तु इस मंदिर के बाएं हाथ में चंद राजाओं का एक पुराना किला है जो वक्त के साथ बहुत ज्यादा अत्याधिक क्षतिग्रस्त हो गया है किन्तु आज भी यहाँ किला उस समय की कहानी व्यक्त कर रहा है आश्चर्य की बात यह है कि यहाँ एक राष्ट्रीय धरोहर होने पर भी यहाँ आज ऐसी स्थिति में है, इस किले का नाम राजबुंगा का किला है जो की उस समय की संस्कृति व रहन सहन को दर्शाता है |
राजबुंगा का किला का पिछला भाग

ब्लॉग पढ़ने के लिए धन्यवाद ऐसी ही ब्लॉग पढ़ने के लिए आप मेरी अन्य ब्लॉग  पढ़ सकते हैं मैं उत्तराखंड के ऐसे ही स्थानों के बारे में लिखता रहता हूं|