भगवान शिव की दूसरी सबसे विशाल प्रतिमा विश्व प्रसिद्ध श्री मुरुडेश्वर मंदिर|| murudeshwar temple story in hindi

Negi jii Tehri Wale
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विश्व प्रसिद्ध श्री मुरुडेश्वर मंदिर: भगवान शिव की दूसरी सबसे विशाल प्रतिमा और उनका पौराणिक इतिहास
भगवान शिव की दूसरी सबसे विशाल प्रतिमा विश्व प्रसिद्ध श्री मुरुडेश्वर मंदिर|| murudeshwar temple story in hindi

दोस्तों आज हम बात करेंगे विश्व प्रसिद्ध श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story)के बारे में, जहां भगवान शिव की दूसरी सबसे विशाल और ऊंची प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड जिले में, अरब सागर के तट पर मुरुडेश्वर श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story) शहर में स्थित है। इस लेख में हम इस मंदिर के पौराणिक इतिहास, वास्तुकला, धार्मिक महत्व और पर्यटन की दृष्टि से विशेषताओं की विस्तार से चर्चा करेंगे।

मुरुडेश्वर मंदिर का पौराणिक इतिहास (Murudeshwar Temple Story in HIndi)

श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story) का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि रावण ने भगवान शिव की तपस्या करके उनसे एक शिवलिंग प्राप्त किया था, जिसे "आत्मलिंग" कहा जाता है। भगवान शिव ने रावण को यह शिवलिंग दिया और कहा कि इसे लंका में स्थापित कर दें, लेकिन इस शिवलिंग को किसी भी स्थिति में जमीन पर न रखें।

रावण लंका की ओर जाते समय रास्ते में एक जंगल में रुका और उसे लघु शंका लगी। उसने एक बाला (बच्चे) को बुलाकर शिवलिंग थमाया और उससे कहा कि इसे जमीन पर न रखें। लेकिन भगवान शिव ने शिवलिंग का वजन बढ़ा दिया, जिससे बाला को शिवलिंग जमीन पर रखना पड़ा। इसी कारण वह शिवलिंग वहीं स्थापित हो गया। इस स्थान को अब बाबा वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है, जो झारखंड राज्य के देवघर जिले में स्थित है।

मुरुडेश्वर मंदिर की भव्यता

श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story)का निर्माण कंधों की पहाड़ी पर किया गया है, जो तीन ओर से अरब सागर से घिरी हुई है। यह मंदिर मुरुडेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर परिसर में स्थित भगवान शिव की प्रतिमा की ऊंचाई करीब 123 फीट है, जो इसे भारत की दूसरी सबसे ऊंची शिव प्रतिमा बनाती है।

राजा गोपुरा

मंदिर का गोपुरम जिसे राजा गोपुरा के नाम से जाना जाता है, भारत का दूसरा सबसे ऊंचा गोपुरम है। इसकी ऊंचाई करीब 237 फीट है। इस गोपुरम पर बहुत ही सुंदर नक्काशी की गई है, और द्वार के बाहर दो विशाल हाथियों की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं।

श्री मुरुडेश्वर मंदिर के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य

श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story) की खास बात यह है कि यह तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है, जिससे यहाँ का नजारा बेहद ही खूबसूरत लगता है। मंदिर परिसर में एक सुंदर पार्क भी बना है, जहां अनेक प्रकार की प्रतिमाएं स्थापित हैं, जिनमें रावण, नंदी बैल, सूर्यनारायण, और रथ पर सवार श्री कृष्ण और अर्जुन की प्रतिमाएं प्रमुख हैं।

श्री मुरुडेश्वर मंदिर के अन्य धार्मिक स्थल

मुरुडेश्वर मंदिर परिसर में एक सुंदर श्री शनेश्वर मंदिर भी स्थित है। इस मंदिर में भगवान शनिदेव की पूजा होती है।

पर्यटन और यातायात

मुरुडेश्वर मंदिर एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक समुद्र तट पर घूमने के साथ-साथ मंदिर के दर्शन करते हैं।

मुरुडेश्वर कैसे पहुंचें

मुरुडेश्वर रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी करीब 3 किलोमीटर है, जो पैदल या स्थानीय परिवहन से आसानी से तय की जा सकती है।

ठहरने की व्यवस्था

मुरुडेश्वर में ठहरने के लिए कई होटल और धर्मशालाएं उपलब्ध हैं, जहां पर्यटक आराम से ठहर सकते हैं।

मंदिर का धार्मिक महत्व

श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story) का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

विशेष पूजा और त्योहार

मंदिर में विशेष पूजा और त्योहारों का आयोजन होता है, जिसमें शिवरात्रि का त्योहार प्रमुख है। इस दिन यहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।

मुरुडेश्वर मंदिर का आधुनिक निर्माण

वर्तमान श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story) का निर्माण हाल ही में किया गया है, लेकिन इसका महत्व और आस्था सदियों पुरानी है। मंदिर की वास्तुकला और विशाल प्रतिमा इसे अद्वितीय बनाती हैं।

Conclusion 

श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story) एक ऐसा स्थान है, जहां आस्था, इतिहास, और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम देखने को मिलता है। भगवान शिव की विशाल प्रतिमा, राजा गोपुरा की भव्यता, और समुद्र का शांत वातावरण इस मंदिर को विशेष बनाते हैं। अगर आप कभी कर्नाटक की यात्रा पर जाएं, तो मुरुडेश्वर मंदिर के दर्शन अवश्य करें।

श्री मुरुडेश्वर मंदिर (murudeshwar temple story) रोचक तथ्य और जानकारी

  • भगवान शिव की प्रतिमा: 123 फीट ऊंची
  • राजा गोपुरा: 237 फीट ऊंचा, भारत का दूसरा सबसे ऊंचा गोपुरम
  • स्थिति: कंधों की पहाड़ी पर, तीन ओर से अरब सागर से घिरा हुआ
  • महत्वपूर्ण स्थान: मुरुडेश्वर रेलवे स्टेशन से 3 किमी की दूरी पर

श्रद्धालुओं के लिए सलाह

  1. समय पर पहुंचें: मंदिर में भीड़ से बचने के लिए सुबह के समय दर्शन करना बेहतर होता है।
  2. सुरक्षा का ध्यान रखें: समुद्र तट पर घूमते समय सुरक्षा का ध्यान रखें।
  3. स्थानीय परिवहन: मंदिर तक पहुंचने के लिए स्थानीय परिवहन का उपयोग करें।
  4. पर्यावरण का सम्मान: मंदिर परिसर और समुद्र तट की स्वच्छता बनाए रखें।

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