Sinauli bagpath ka rahasya
भारत की राजधानी दिल्ली से 80 किलोमीटर दूर सनौली नाम की एक ऐसी जगह है जिसकी मिट्टी में काफी रहस्य दबे पाए गए हैं। 2018 के ASI रिसर्च के अंदर सनौली में दफन ऐसी कई प्राचीन चीजें मिली हैं जिन्होंने ASI टीम तथा हमारी सरकार दोनों के ही होश उड़ा दिए हैं। इन प्राचीन चीजों के बारे में जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।
सिनौली का रहस्य (Secret of sinauli)
इस डॉक्यूमेंट्री के अंदर उन सभी वस्तुओं को दिखाया जाएगा जो खुदाई में ASI टीम को मिली थी। इन सभी वस्तुओं से हमें भारत का इतिहास गहराई में जानने को मिलेगा सिनौली में जो ऐतिहासिक वस्तुएं पाई गए हैं उनमें सबसे रहस्यमय चीज यह है कि यह सारी वस्तुएं सिंधु घाटी सभ्यता की नहीं है।
कार्बन डेटिंग से यह बात सामने आई है कि यह सारी ऐतिहासिक चीजें आज से 4000 साल पहले की है यानी कि महाभारत काल की और जिस प्रकार के कब्र तथा रथ पाए गए हैं वैसे महाभारत काल के दौरान नहीं बनते थे।
प्रश्न अब यह उठता है कि यह सारी वस्तुएं तब आई कहां से? रिसर्च में ए.एस.आई को पता चला कि यह सारी चीजें वैदिक कल्चर से काफी मेल खा रही है लेकिन अभी भी यह एक सवाल ही है कि सिंधु घाटी सभ्यता में वैदिक कल्चर से जुड़ी चीजें आई कहां से।
Sinauli
archaeological site
Sinauli archaeological site स्थित है उत्तर प्रदेश के अंदर यमुना नदी के पास। जब इस जगह पर Archaeological Survey of India (ASI) जांच करने आई तब उन्हें कांस्य युग यानी कि Bronze Age की वस्तुएं मिली जिसमें शामिल है पहिए, जमीन में गड़े कब्र, मिट्टी तथा तांबे से बने बर्तन, घोड़ा गाड़ी जैसी वस्तुएं ।
Sinauli archaeological site पर जो कब्र मिले थे उनके अंदर युद्ध में इस्तेमाल होने वाले काफी पुराने औजार पाए गए थे जो उस समय के हिसाब से काफी एडवांस बताए जाते हैं।
Sinauli history
सिनौली का रहस्य लोगों के सामने 2004 में ही आ चुका था जब किसानों को हल चलाते हुए जमीन के अंदर कुछ प्राचीन चीजें मिली जो वर्तमान काल से काफी अलग थी। इसके बाद ही ASI टीम को बुलाया गया सिनौली का इतिहास पता करने के लिए। जब ASI टीम ने सिनौली में उत्खनन किया तब वहां पर 116 लोगों का कंकाल मिला जिसमें कई औरतों के कंकाल भी थे। औरतों के कंगाल में कई युद्ध के सामान भी मिले जो इस बात की पूर्ति करते हैं कि वे कोई सामान औरतें नहीं थी वे आज से 4000 साल पहले की वीर योद्धाएं थी।
इतने दफन कंकाल मिलने के बाद ASI ने इस जगह को कब्रिस्तान सिद्ध करके अपनी खुदाई को 2006 में ही बंद कर दिया था।खुदाई बंद होने के बाद यह मामला ठंडा पड़ गया और फिर सिनौली के बारे में ज्यादा चर्चा होनी बंद हो गई लेकिन 2018 में एक और घटना सामने आई। जब सिनौली के किसान खेती कर रहे थे तब उन्हे जमीन में कुछ प्राचीन बर्तन मिले।
जब ASI को यह बात पता चली तो वहां पर खुदाई फिर से शुरू की गई और फिर से सिनौली सुर्खियों में आ गई। इस बार भी सिनौली में काफी प्राचीन वस्तुएं पाई गई जो उस वक्त के समय से काफी एडवांस मानी जाती हैं।यह वस्तुएं अभी भी एक रहस्य है सिनौली के लोगों के लिए और कोई नहीं जानता यह रहस्य कब सुलझेगा।
Sinauli excavation
उत्खनन के वक्त कई कब्र ऐसे भी मिले थे जिनमें महिलाएं योद्धाओं के पैर काट के दफन किए गए थे। यह कब्र इस बात का प्रमाण है कि आज से 4000 वर्ष पहले भी महिलाएं योद्धा हुआ करती थी।ASI को प्राचीन काल के कुछ ताबूत भी मिले जिस के ऊपरी भाग में कुछ प्राचीन कलाकृतियां बनी थी। वह देखने में काफी रहस्यमय लग रही थी।
जमीन के अंदर कुछ कब्र ऐसे भी थे जिनमें से तलवारे तथा युद्ध का सामान बरामद हुआ। युद्ध के सामान की संख्या काफी ज्यादा बताई जा रही है और ऐसा भी कहा जाता है कि काफी अलग-अलग जगह से ये युद्ध के सामान बरामद हुए थे। इससे यह पता चलता है कि उस वक्त जो भी सभ्यता यहां पर रहती थी वे योद्धाओं की थी।
कब्रो के नीचे कुछ खुफिया चेंबर भी मिले हैं। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि इन चेंबर का उपयोग युद्ध के वक्त खुफिया सुरंग के तौर पर हुआ करता होगा।
sinauli ki khoj
सिनौली की खोज नें हमारा पूरा इतिहास ही बदल कर रख दिया है। इस खोज का निष्कर्ष क्या निकलेगा अभी यह कोई नहीं जानता लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस खोज से हमारे इतिहास पर जरूर एक बहुत बड़ा असर पड़ेगा।
ऐसा भी हो सकता है कि हमारा इतिहास पूरी तरह से बदल जाए और हम एक नई सभ्यता के बारे में जाने जो कि सिंधु घाटी सभ्यता से काफी अलग हो।यह सारी रहस्यमई बातें जानना काफी दिलचस्प होगा।
आशा करते हैं आपको आज का यह आर्टिकल Sinauli bagpath ka rahasya (Secret of Sinauli) पसंद आया हो तथा सिनौली और वहां की खोज से जुड़ी काफी जानकारी प्राप्त हुई हो। भारत की प्राचीन सभ्यता के बारे में जानना हमारा कर्तव्य है तथा हर नागरिक को हमारा भारतीय इतिहास पढ़ना चाहिए।
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